*✴ शैशवावस्था जन्म से 5 वर्ष* ✴
सामाजिक मुस्कान की अवस्था
सीखने का आदर्श काल
भावी जीवन की आधारशिला
जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल
अनुकरण द्वारा सीखने की अवस्था
तीव्रता से शारीरिक विकास की अवस्था
क्षणीक संवेग की अवस्था
समुचित सांवेगिक विकास की दृष्टि से स्वर्णिम काल

*✴ बाल्यावस्था 6-12 वर्ष ✴*
वैचारिक क्रिया अवस्था
टोली ,दल,समूह की आयु
मिथ्या परिपक्वता का काल
अनोखा काल
खेल की आयु
प्रतिद्वंद्वात्मक सामाजिकरण का काल
मूर्त चिंतन की व्यवस्था
तीव्र शारीरिक क्रियाशीलता
अभिवृद्धि का काल
नये कौशलो एवं क्षमताओं के विकास की वृद्धि में स्वर्णिम काल

*✴ किशोरावस्था 13 से 18 वर्ष ✴*
सामाजिक रुप से परिपक्वता  का काल
देशभक्ति वीरता का काल
अमूर्त चिंतन की व्यवस्था
दल भक्ति अवस्था
जीवन का सबसे कठिन काल
अटपटी उलझन की व्यवस्था
 समस्याओ की अवस्था
द्रुत एवं तीव्र विकास की अवस्था
 स्वर्ण काल
 वसंत ऋतु
सामाजिक स्वीकृति अवस्था
 व्यक्तिगत एवं घनिष्ठ मित्रता की अवस्था
प्रबल दबाव और तनाव की अवस्था
संवेगात्मक परिवर्तन की अवस्थ
 आत्म सम्मान आत्म स्वीकृति की  अवस्था
तार्किक चिंतन की अवस्था
संघर्ष और तूफान की अवस्था
उथल - पुथल की अवस्था
 संक्रमण काल की अवस्था/संक्रांति काल
टीन एज
सुनहरी अवस्था
एज ऑफ ब्यूटी